۞ गुप्तकालीन मूर्तियों में अधिकतर मूर्तियां देवी, देवता, बु) और तीर्थंकर की हैं गुप्तकालीन धातु मूर्तिकला में नालन्दा तथा सुल्तानगंज की बु) की मूर्ति उल्लेखनीय है। गुप्तकाल की मूर्तियों में कुषाणकालीन नग्नता एवं कामुकता का पूर्णतः लोप हो गया था।
۞ गुप्तकाल में चित्रकला के क्षेत्रा में अभूतपूर्व प्रगति हुई। इस काल की चित्रकला के अवशेष अजन्ता तथा बाघ गुफाओं से प्राप्त होते हैं।
۞ अजन्ता गुफा की चित्रकारी को सर्वप्रथम 1919 में सर जेम्स अलेक्जेण्डर ने देखा। अजन्ता की गुफायें बौ) धर्म के महायान शाखा से संबंधित है। कुल 29 गुफाओं में वर्तमान में केवल 6 ही शेष है जिसमें गुफा संख्या 16 तथा 17 को गुप्तकालीन माना जाता है। गुफा संख्या 16 में श्मरणासन्न राजकुमारीश् का चित्र प्रशंसनीय है। गुफा संख्या 17 के चित्र जिसे श्चित्राशालाश् कहा गया है। इसमें बु) के जन्म, जीवन, महाभिनिष्क्रमण एवं महापरिनिर्वाण की घटनाओं से सम्बन्धित चित्र उकेरे गये हैं।
۞ बाघ की गुफायें ग्वालियर के समीप विंध्यपर्वत को काट कर बनाई गयी थी। 1818 ई. में डैजरफील्ड ने इन गुफाओं को खोजा, जहां से 9 गुफायें मिली है। बाघ गुफा के चित्र आम जन-जीवन से संबंधित है।
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