۞ सामानी राज्य के प्रान्तीय शासकों में अलप्तगीन नामक तुर्क गुलाम ने गजनी वंश की स्थापना की।
۞ 986 ई. में अलप्तगीन के दामाद तथा उसके उत्तराधिकारी सुबुक्तगीन ने हन्दूशाही शासक जयपाल को पराजित किया।
۞ 998 ई. में महमूद गजनवी गजनी का शासक बना।
۞ महमूद ने स्वयं को प्राचीन दंतकथाओं में चर्चित बादशाह अफराशियाब के वंशज होने का दावा किया।
۞ शाहनामा के लेखक फिरदौसी महमूद गजनवी के दरबारी कवि थे।
۞ महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया।
۞ पंजाब पर आधिपत्य जमाकर उसने नगरकोट तािा थानेश्वर पर आक्रमण किया।
۞ 1028 में कन्नौज पर तथा 1025 में गुजरात पर आक्रमण

किया गया।
۞ उसने अपने साम्राज्य में इन क्षेत्रों को मिलाने का कोई प्रयास नहीं किया।
۞ सोमनाथ मन्दिर की लूट भारत में पंजाब के बाहर उसका अंतिम अभियान था।
۞ 1030 में गजनी में महमूद की मृत्यु हो गयी।
۞ महमूद के गुजरात आक्रमण के समय गुजरात का शासक भीमदेव प् था।
۞ महमूद गजनवी के साथ तहकीक-एक-हिन्द के लेखक अलबरूनी तथा इतिहासकार अरबी तथा बैहाकी भी भारत आये थे।
महमूद गजनवी के आक्रमण
1000 ई. सीमा राज्य पर
1000 ई. हिन्दूशाही शासक जयपाल
1006 ई. मुल्तान
1008 ई. हिन्दूशाही शासक आनंदपाल
1009 ई. नगरकोट
1014 ई. थानेश्वर
1018 ई. कन्नौज
1019 ई. कालिंजर
1024.25 ई. सोमनाथ (गुजरातद्ध
17वां आक्रमण जाटों के विरुद्ध
मुहम्मद गोरी के आक्रमण
1175 मुल्तान
1182 सिन्ध
1179 पेशावर
1185 पंजाब
1186 लाहौर
1191 तराईन का प्रथम युद्ध
1192 तराईन का द्वितीय युद्ध
1194 चंदावर का युद्ध
1204.05 बख्तियार खलजी द्वारा बंगाल विजय
1205 खोखरों की पराजय
۞ महमूद के बाद सेल्जुक आये जिसे साम्राज्य में सीरिया, ईरान तथा मावराउन्नहर शामिल थे। इस साम्राज्य ने खुरासान पर आधिपत्य के लिए गजनवियों से संघर्ष किया।
۞ एक प्रसि) युद्धमें महमूद का पुत्रा मसूद पराजित हुआ तथा उसने समारोह में शरण ली।
۞ मुहम्मद गोरी ने भारत में तुर्क राज्य की स्थापना की।
۞ तत्कालीन सिंध की राजधानी अरोर थी।
۞ गोरी का प्रथम आक्रमण 1175 में मुल्तान के विरु) हआ।
۞ 1178 में गुजरात के विरु) अभियान किया गया परन्तु चालुक्य शासक मूलराज प्प् से गोरी पराजित हुआ।
۞ 1179.89 में पंजाब पर आक्रमण किया। 1179 में पेशावर तथा 1185 में सियालकोट को जीता।
۞ 1191 में तराईन के प्रथम युद्धमें गोरी पृथ्वीराज चैहान से पराजित हुआ लेकिन 1192 में हुए द्वितीय युद्धमें चैहान पराजित हुआ।
۞ 1194 के चन्दावर युद्धमें जयचंद गोरी से पराजित हुआ।
۞ अलप्तगीन भारतीय-प्रदेश को जीतने वाला प्रथम तुर्क था।
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