भरतपुर का जाट वंश

भरतपुर के जाट वंश का इतिहास
👉भरतपुर का जाट वंश-
➯राजस्थान के पूर्वी भाग भरतपुर, धौलपुरस डींग आदि क्षेत्रों पर जाट वंश का शासन था।
➯राम के भाई भरत के नाम पर ही इस राजवंश का नाम भरतपुर राजवंश पड़ा है।

👉गोकुल जाट-
➯1669 ई. में मथुरा क्षेत्र के जाटों द्वारा स्थानीय जमीदार गोकुल जाट के नेतृत्व में औरंगजेब के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह किया गया था।
➯औरंगजेब के खिलाफ यह पहला हिन्दु विद्रोह था।
➯10 मई 1666 को गोकुल जाट (जाटों) व औरंगजेब की सेना में तिलपत का युद्ध हुआ था।
➯तिलपत के युद्ध में मुगल फौजदार हसन अली खां ने गोकुल जाट को पराजित कर मार डाला था।

👉राजाराम जाट-
➯गोकुल जाट के बाद राजाराम जाट ने जाट विद्रोह का नेतृत्व किया।
➯1685 ई. में राजाराम के नेतृत्व में दूसरा जाट विद्रोह हुआ था।
➯सिकन्दरा (आगरा) में स्थित अकबर के मकबरे को लूटा तथा मकबरे में अकबर की हड्डियों को निकाल कर हिन्दु विधियों से जला दिया था।
➯1688 ई. में औरंगजेब के पौत्र तथा आमेर के शासक बिसन सिंह ने राजाराम को पराजित किया।

👉चूडामन जाट-
➯1688 ई. में राजाराम की मृत्यु के बाद उनके भतीजे चूडामन या चूड़ामन ने जाट नेतृत्व की बागडोर संभाली।
➯चूडामन जाट ने थून में किला बनाकर अपना राज्य स्थापित किया।

👉बदन सिंह जाट-
➯बदन सिंह जाट ने आगरा व मथुरा पर अधिकार करके भरतपुर के नये राजघराने की नींव डाली।
➯बदनसिंह जाट ने डीग, कुम्हेर, बैर व भरतपुर में नये दुर्ग बनवाये।
➯बदनसिंह जाट के पुत्र सूरजमल जाट ने सोधर के निकट दुर्ग का निर्माण करवाया जो भरतपुर या लोहगढ़ या अजयगढ़ दुर्ग के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
➯बदनसिंह जाट ने भरतपुर को अपनी राजधानी बनाया।
➯वृंदावन में एक मंदिर बनवाया तथा डीग के किले में कुछ महलों का निर्माण करवाया।
➯बदनसिंह जाट को जयपुर नरेश सवाई जयसिंह ने ब्रजराज की उपाधि प्रदान कर डीग परगने की जागीर दी।

👉महाराजा सूरजमल जाट (1756-1763 ई.)-
➯महाराजा सूरजमल जाट के राज्य में आगरा, मथुरा, मेरठ, अलीगढ़ आदि सम्मिलित थे।
➯अपनी बुद्धिमता व राजनीतिक कुशलता के कारण महाराजा सूरजमल जाट को जाट जाति का प्लेटो कहा जाता है।
➯महाराजा सूरजमल जाट ने 1754 ई. में मराठा नेता होल्कर के कुम्हेर आक्रमण को विफल किया।
➯महाराजा सूरजमल जाट ने 12 जून 1761 को आगरा के किले पर अधिकार किया।
➯महाराजा सूरजमल जाट ने डीग के जलमहलों का निर्माण करवाया।
➯जलमहलों में गोपाल भवन, नंद भवन, केशव भवन, सावन भादौ भवन आदि प्रसिद्ध थे।
➯1763 ई. में नजीब खाँ रोहिला के साथ युद्ध करते हुए महाराजा सूरजमल जाट की मृत्यु हो गई।
➯महाराजा सूरजमल जाट की पत्नी किशोरी देवी अपनी बुद्धिमता के लिए प्रसिद्ध थी।

👉जवाहर सिंह-
➯महाराजा सूरजमल के बाद उसका पुत्र जवाहर सिंह भरतपुर का शासक बना था।
➯जवाहर सिंह ने दिल्ली पर आक्रमण किया तथा विजय के उपलक्ष में जवाहर सिंह जाट ने दिल्ली के लाल किले के दरवाजे को भरतपुर के किले में लगवाया था।

👉रणजीत सिंह-
➯29 सितम्बर 1803 ई. में अंग्रेजी सरकार के प्रतिनिधि लाॅर्ड लेक डाउन वेल ने रणजीत सिंह के साथ संधि की।

👉बृजेन्द्र सिंह-
➯आजादी के समय भरतपुर का शासक बृजेन्द्र सिंह जाट था।
➯स्वतंत्रता के बाद भरतपुर मत्स्य संघ में विलय हुआ


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भरतपुर का जाट वंश भरतपुर का जाट वंश Reviewed by asdfasdf on September 26, 2018 Rating: 5

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