लूनी नदी |
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👉लूनी नदी का उद्गम स्थल- ➯राजस्थान के अजमेर जिले की नाग पहाड़ी से लूनी नदी का उद्गम होता है। ➯लूनी नदी के उद्गम स्थल पर लूनी नदी को सागरमती नदी के नाम से जाना जाता है। ➯राजस्थान के अजमेर जिले की गोविन्दगढ़ नामक जगह के निकट पुष्कर से आने वाली सरस्वती नदी में लूनी नदी मिलने के बाद लूनी नदी को लूनी नदी के नाम से जाना जाता है। ➯लूनी नदी अजमेर की नाग की पहाड़ियों से सरस्वती तथा सागरमती नामक दो धाराओं या नदियों के नाम से निकलती है। ➯लूनी नदी पुर्णतया बरसाती नदी है। 👉लूनी नदी का बहाव क्षेत्र- ➯लूनी नदी राजस्थान के अजमेर जिले से निकलकर दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान- नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर आदि जिलों में से बहते हुए गुजरात के कच्छ जिले में प्रवेश करती है तथा कच्छ के रन में विलुप्त हो जाती है। ➯लूनी नदी का बहाव क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान एवं दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान की ओर है। ➯राजस्थान के जालोर जिले में लूनी नदी के बहाव क्षेत्र को नेड़ा या रेल कहते है। 👉गोडवाड़ प्रदेश- ➯लूनी नदी का प्रवाह क्षेत्र गोडवाड़ प्रदेश कहलाता है। 👉लूनी नदी के उपनाम या अन्य नाम- 1. लवण्वती नदी (प्राचीन नाम) 2. सागरमती नदी 3. मरूआशा नदी 4. साक्री नदी 5. लवणाद्रि नदी 6. लवणावरी नदी 7. मारवाड़ की गंगा या मारवाड़ की जीवन रेखा 8. रेगिस्तान की गंगा या मरूस्थल की गंगा 9. पश्चिमी राजस्थान की गंगा 10. अन्तः सलिला नदी 11. आधि मीठी व आधि खारी नदी 👉अन्तः सलिला नदी- ➯कालीदास ने लूनी नदी को अन्तः सलिला नदी कहा है। 👉पुष्कर घाटी- ➯राजस्थान के अजमेर जिले की पुष्कर घाटी में लूनी नदी को साक्री नदी के नाम से जाना जाता है। 👉लूनी नदी की लम्बाई- ➯लूनी नदी की कुल लम्बाई 495 किलोमीटर है जिसमें से राजस्थान में लूनी की कुल लम्बाई 330 किलोमीटर है। 👉पश्चिमी राजस्थान- ➯लूनी नदी पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख नदी मानी जाती है। 👉आधि खारी व आधि मीठी नदी- ➯लूनी नदी भारत तथा राजस्थान की एकमात्र ऐसी नदी है जो आधि खारी व आधि मिठी नदी है। ➯लूनी नदी का आधा भाग खारा तथा आधा भाग मीठा होने के कारण ही लूनी नदी को आधि खारी तथा आधि मीठी नदी कहते है। ➯राजस्थान के बाड़मेर जिले की बालोतरा तहसील के आसोतरा गांव तक लूनी नदी का पानी मीठा होता है तथा बाड़मेर जिले की बालोतरा तहसील के आसोतरा गांव के बाद लूनी नदी का पानी खारी हो जाता है। ➯लूनी नदी के खारे होने का मुख्य कारण बाड़मेर की पंचभद्रा झील तथा थार के मरुस्थल की मिट्टी की लवणीयता को माना जाता है। 👉लूनी नदी की सहायक नदियां- ➯राजस्थान में सर्वाधिक सहायक नदियों वाली नदी लूनी नदी है। ➯अरावली की पहाड़ियों से निकल कर लूनी नदी में बायीं ओर से मिलने वाली सहायक नदियां- सूकड़ी नदी, मीठड़ी नदी, बाण्डी नदी, खारी नदी, जवाई नदी, लीलड़ी नदी, गुहिया नदी तथा सागी नदी आदि नदियां है। ➯लूनी नदी में दायीं ओर से मिलने वाली एकमात्र नदी जोजड़ी है। ➯लूनी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी जवाई नदी है। ➯लूनी नदी की सहायक नदी जोजड़ी एकमात्र ऐसी नदी है जिसका उद्गम अरावली पर्वतमाला से नहीं होता है। 👉बालोतरा (बाड़मेर)- ➯पुष्कर (अजमेर) की पहाड़ियों में अधिक वर्षा होने के कारण राजस्थान के बाड़मेर जिले की बालोतरा तहसील में बाढ़ आ जाती है। क्योकी बालोतरा में लूनी नदी का पाट अत्यधिक चौड़ा तथा आसपास के धरातल के समतलीय है। 👉लूनी नदी का समापन- ➯लूनी नदी का समापन गुजरात में स्थित कच्छ की खाड़ी (कच्छ का रन) में होता है तथा लूनी नदी का मुहाना भी गुजरात में स्थित कच्छ की खाड़ी में है। |
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लूनी नदी
Reviewed by asdfasdf
on
September 18, 2018
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