मूल कर्त्तव्य या मौलिक कर्त्तव्य (Fundamental Duties)

👉 मूल कर्त्तव्य या मौलिक कर्त्तव्य (Fundamental Duty)
✍ भारतीय संविधान के भाग 4(क) तथा अनुच्छेद 51(क) में मौलिक या मूल कर्त्तव्यों का उल्लेख है।




👉 रूस-
✍ भारतीय संविधान में मौलिक या मूल कर्त्तव्य रूस के संविधान से लिए गये है।

👉 सरदार स्वर्ण सिंह समिति-
✍ भारतीय मूल संविधान या प्रारम्भ में भारतीय संविधान में मूल कर्त्तव्यों को वर्णन नहीं था इसीलिए सन् 1976 के 42वें संविधान संसोधन के द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर संविधान में मूल कर्त्तव्यों को जोड़ा गया था।

👉 सन् 1976 का 42वां संविधान संसोधन-
✍ यह सबसे बड़ा संविधान संसोधन माना जाता है। क्योकी इस संविधान संसोधन में एक साथ कुल 61 विषय या कानून या संसोधन किये गये थे इसीलिए 42वें संविधान संसोधन को लघु भारतीय संविधान (The Mini Constitution of India) भी कहते है।

👉 भारतीय मूल संविधान में प्रारम्भ में कुल 10 मूल या मौलिक कर्त्तव्य जोड़े गये थे परन्तु वर्तमान में कुल 11 मौलिक या मूल कर्त्तव्य है।

👉 86वां संविधान संसोधन 2002-
✍ 11वां मौलिक या मूल कर्त्तव्य शिक्षा का अधिकार सन् 2002 के 86वें संविधान संसोधन के द्वारा जोड़ा गया था।

👉 भारतीय संविधान के मौलिक या मूल कर्त्तव्य-
1. प्रत्येक नागरिक संविधान का पालन करे तथा उसके आदर्शों का पालन करे।
2. स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को हृदय में संजोए रखना।
3. देश की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता को बनाये रखना।
4. देश की सेवा के लिए समर्पित रहना।
5. मातृत्व की भावना को बनाये रखना।
6. हमारी संस्कृति की गौरवशाली परम्परा को बनाये रखना।
7. पर्यावरण संरक्षण करना।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद विकास।
9. सार्वजनिक संपति की सुरक्षा करना।
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक प्रयासो के द्वारा देश को सभी क्षेत्रों में उच्चाई की ओर ले जाना।
11. शिक्षा का अधिकार-
✍ शिक्षा का अधिकार यह अधिकार भारत में 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है तथा यह अधिकार जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में 1 अप्रेल 2010 को लागू कर दिया गया था।
मूल कर्त्तव्य या मौलिक कर्त्तव्य (Fundamental Duties) मूल कर्त्तव्य या मौलिक कर्त्तव्य (Fundamental Duties) Reviewed by asdfasdf on June 11, 2018 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.